गुड़हल के फूल देखने में तो सुंदर हैं ही औषधीय गुणों से भी भरपूर हैं। गुड़हल के फूल अलग-अलग रंगों में पाये जाते हैं जैसे, लाल, सफेद, गुलाबी, पीला और बैगनी। लेकिन लाल फूलों वाला गुड़हल स्वास्थ्य के लिए अधिक उपयोगी माना जाता है। इसका इस्तेमाल दवाओं के लिए किया जाता है। इससे कॉलेस्ट्रॉल, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और गले के संक्रमण जैसे रोगों का इलाज किया जाता है। यह विटामिन सी, कैल्शियम, वसा, फाइबर, आयरन का बढ़िया स्रोत है।
गुड़हल के ताजे फूलों को पीसकर लगाने से बालों का रंग सुंदर हो जाता है और गंजापन दूर होता है।मुंह के छालों में गुड़हल के पत्ते चबाने से लाभ होता है। गुड़हल की चाय भी बनती है। जी हां, इसकी चाय एक स्वास्थ्यवर्धक हर्बल टी जैसी है। गुड़हल के स्वास्थ्य और औषधीय लाभ के बारे में विस्तार से जानिए--
1. गुड़हल से बनी चाय का प्रयोग सर्दी-जुकाम और बुखार आदि को ठीक करने के लिये किया जाता है। गुड़हल के फूलों को गरम पानी के साथ या उबाल कर हर्बल टी के जैसे पिया जाए तो यह हाई ब्लड प्रेशर को कम करेगा और बढ़े कोलेस्ट्रॉल को घटाएगा क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट होता है।
2. मधुमेह में गुड़हल के फूलों का शर्बत बिना चीनी या शहद मिला कर किया जाता है। गुड़हल के फूलों का अर्क दिल के लिए उतना ही फायदेमंद है, जितना रेड वाइन और चाय।
3. गुर्दे की समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति को इसका शर्बत पीना चाहिए, क्योंकि इसमें प्राकृतिक मूत्रवर्धक गुण होते हैं। शर्बत बनाने के लिए गुड़हल के फूलों को पीस कर उसमें पानी मिला लें। चाहें तो थोड़ा शहद या मिश्री मिला कर पीएं। यह शर्बत हृदय के लिए भी हितकारी है।
4. गुड़हल का फूल काफी पौष्टिक होता है। इसमें विटामिन सी, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। यह पौष्टिक तत्व सांस संबन्धी तकलीफों को दूर करते हैं। यहां तक की गले के दर्द को और कफ को भी हर्बल टी सही कर देती है।
5. गुड़हल के फूलों का असर बालों को स्वस्थ्य बनाने के लिये भी होता है। इसे पानी में उबाला जाता है और फिर लगाया जाता है जिससे बालों का झड़ना रुक जाता है। यह नेचरल कंडीशनर का काम करता है। इसका प्रयोग केश तेल बनाने में भी किया जाता है। केश तेल बनाने के लिए गुड़हल के फूल और पत्तों को नारियल के तेल में धीमी आंच पर पकाया जाता है। फिर यह तेल सिर में लगाने से बाल स्वस्थ घने और लंबे होते हैं।
6. गुड़हल के पत्ते तथा फूलों को सुखाकर पीस लें। इस पावडर की एक चम्मच मात्रा को एक चम्मच मिश्री के साथ पानी से लेते रहने से स्मरण शक्ति तथा स्नायुविक शक्ति बढ़ती है।
7. गुड़हल के फूलों को सुखाकर बनाया गया पावडर गाय के दूध के साथ एक-एक चम्मच लेते रहने से रक्त की कमी दूर होती है|
8. यदि चेहरे पर बहुत मुंहासे हो गए हैं तो लाल गुड़हल की पत्तियों को पानी में उबाल कर पीस लें और उसमें शहद मिला कर चेहरे पर लगाए|
9. गुड़हल के फूल गर्भाशय के लिए भी हितकारी है। मासिक धर्म के बाद अगर इसके चंद फूल घी में भुनकर महिलाएं सेवन करें तो गर्भ ठहरता है।
10. पागलपन या उन्माद रोगियों को भी गुड़हल के फूल खिलाने या शर्बत पिलाने से लाभ होता है। यह शीतवर्धक, वाजीकारक और रक्तशोधक है।
गुलकंदः गुलाब के फूलों की तरह गुड़हल के फूलों का गुलकंद बनाकर भी परिवार के सभी लोग सेवन कर सकते हैं।
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