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शनिवार, 11 सितंबर 2010

एक योग मिटाए सोलह रोग

आँवला (myrobalan emblic) और शहद (honey) का ऐसा अदभुत संयोग है कि इससे सोलह प्रकार के रोगों में आराम मिलता है। यहाँ हम उनका उल्लेख कर रहे हैं। अगर इसके सेवन से आपको अन्य रोगों में भी लाभ हो तो कृपया बताएं ताकि इसमें और उन्हें भी जोड़ा जा सके।
एसिडिटीः चौथाई कप कच्चे आँवले का रस और इसमें इतना ही शहद मिला कर नित्य सेवन करने से एसिडिटी(अम्लपित्त) में लाभ होता है। यह प्रयोग शाम के समय करें तो अच्छा।
एनिमियाः चौथाई कप आँवले के रस में दो चम्मच शहद मिला कर थोड़ा पानी डालें, इस घोल का नित्य सेवन करने से खून की कमीं दूर होती है।
एल्ब्यूमिनेरियाः दो चम्मच आँवले का रस और दो चम्मच शहद मिला कर नित्य लेने से पेशाब में धातु अर्थात एल्ब्यूमेन जाना बंद हो जाता है।
पेशाब में जलनः पचास ग्राम ताजे आँवले के रस में इतना ही शहद मिला कर थोड़ा पानी मिला कर प्रतिदिन सेवन करने से पेशाब खुल कर आता है और जलन दूर होती है।
यूरिन इंफेक्शनः चार चम्मच आँवले का रस, दो चम्मच शहद और एक चम्मच पीसी हल्दी का मिश्रण कुछ समय तक रोज लेने से पेशाब में मवाद जाना बंद हो जाता है।
कफ और कोल्डः सर्दी जुकाम में भी आँवले का रस और शहद का योग बड़ा कारगर होता है। एक चम्मच आँवला चूर्ण एक चम्मच शहद के साथ मिला कर कुछ दिन तक नित्य सेवन करने से चमत्कारिक लाभ मिलता है।
इजी बर्थः दो चम्मच आँवला चूर्ण दो कप पानी में तब तक उबालें जब तक एक कप पानी जल न जाए। ठंडा होने पर इसे छान कर दो चम्मच शहद मिला कर गर्भवती महिलाओं को नित्य दें। इससे प्रसव सहज और बिना अधिक दर्द के हो जाता है।
जोड़ों का दर्दः जोड़ों में दर्द हो तो तीन चम्मच आँवला रस दो चम्मच शहद के साथ प्रतिदिन खाली पेट प्रातः लेने से जोड़-जोड़ बेजोड़ हो जाते हैं।
पेट के रोगः एक चम्मच आँवला चूर्ण प्रतिदिन सोते समय शहद के साथ लेने से पेट के अनेक रोगों में लाभ होता है।
ल्यूकोरियाः महिलाओं के श्वेत प्रदर में भी यह योग अत्यंत लाभ करता है। तीन ग्राम पीसा आँवला ६ ग्राम शहद मिला कर नित्य सेवन से यह रोग दूर होता है।
डिसेन्ट्री या पेचिशः एक चम्मच पीसा आँवला इतने ही शहद के साथ नित्य दिन में तीन बार सेवन करने से इस रोग में लाभ होता है।
वर्म्स या कृमिः अगर पेट में कृमि हो तो एक औंस ताजे आँवले के रस में दो चम्मच शहद मिला कर नित्य दो बार दें। पेट के कृमि नष्ट हो जाते हैं।
रिजनरेशन अर्थात कायाकल्पः नित्य प्रातः ताजे आँवले का रस पाँच चम्मच और शहद तीन चम्मच मिला कर दो महीने तक नियमित खाली पेट लें। एक घंटे तक कुछ न खाएं तो शरीर का कायाकल्प हो जाता है।
तंदुरुस्तीः पीसा आँवला एक चम्मच, दो चम्मच शहद के साथ लें। उपर से गो दुग्ध लें तो सदा स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

1 टिप्पणी:

  1. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति के प्रति मेरे भावों का समन्वय
    कल (13/9/2010) के चर्चा मंच पर देखियेगा
    और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा।
    http://charchamanch.blogspot.com

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