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शुक्रवार, 13 मार्च 2015

जादुई जड़ी मुलेठी


मुलेठी का उपयोग गला साफ करने और कफ से निजात पाने के लिए तो कईं बार किया होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह जादुई जड़ी अनेक रोगों में अपना असरकारी प्रभाव दिखाती है। कफ-कोल्ड और श्वासरोगों के अलावा मुलेठी पाचन संबंधी रोगों, लिवर से जुड़ी बीमारियों, आर्थ्रराइटिस और अल्सर जैसे रोगों में भी उपयोगी पाई गई है। हाल ही शोध से पता चला है कि यह खून में खराब कोलेस्ट्रोल की मात्रा भी घटाती है। अर्थात हृदयरोग में भी मुफीद है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को ताकत प्रदान करती है। इसके सेवन से यौनरोगों जैसे नपुंसकता, शुक्राणुओं की कमीं और शीघ्रपतन में भी लाभ होता है। यह तनाव और अवसाद को भी दूर करती है। त्वचा और आंखों पर भी इसका प्रभाव देखा गया है। आयुर्वेद के अनुसार यह वात पित्त दोषहर है। इसके सीमित सेवन से कफ दूर होता है लेकिन अधिक सेवन से कफ में वृद्धि होती है। यह एक हिलिंग एजेंट की तरह कार्य करती है। इसलिए इससे अल्सर में भी आराम मिलता है
1.अल्सर में मुलेठी का चूर्ण पानी में उबाल कर पीने से आराम मिलता है।
2.मुलेठी को पानी में घिस कर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भरता है।
3.एक दो काली मिर्च व मुलेठी का छोटा सा टुकड़ा मुंह में रख कर चूसने से गला ठीक रहता है और आवाज सुरीली होती है।
4.मुलेठी, मिश्री और कालीमिर्च चबाने से गुटखे की आदत छूट जाती है।
5.मुलेठी का चूर्ण,सौंफ् का चूर्ण और आंवला चूर्ण समान मात्रा में प्रातः पानी के साथ लेने से पेट की गर्मी दूर होती है और आंखों को भी लाभ होता है।
6.सर्दी जुकाम में मुलेठी चूर्ण के साथ तुलसी पुदीना का काढ़ा बना लें और छान कर शहद या गुड़ मिला कर पी सकते हैं।
7.मुलेठी का चूर्ण व मुलतानी मिट्टी दूध में गला कर चेहरे पर लेप लगाने से मुंहासे दूर होते हैं और चेहरा कांतिवान हो जाता है।
8.त्रिफला चूर्ण और मुलेठी चूर्ण समान मात्रा में लेकर रात को भिगो दें। सुबह छान कर इस पानी से नेत्र धोने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।
9.मुलेठी कब्ज भी दूर करती है। रात को सोते समय इसबगोल की भूसी और पाव चम्मच मुलेठी का चूर्ण लेने से दस्त खुल कर आता है।
10.शिशुओं को कब्ज हो तो माता के दूध में घिस कर मुलेठी चटानी चाहिए।

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