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शुक्रवार, 30 जनवरी 2015

दस दोहे आयुर्वेद के

दही मथे माखन मिले,
केसर संग मिलाय,
होठों पर लेपित करें,
रंग गुलाबी आय....।
       (2)
बहती यदि जो नाक हो,
बहुत बुरा हो हाल,
यूकेलिप्टिस तेल लें,
सूंघे डाल रुमाल...।
       (3)
अजवाइन को पीस लें,
गाढ़ा लेप लगाय,
चर्म रोग सब दूर हो,
तन कंचन बन जाय..।
      (4)
अजवाइन को पीस लें,
नींबू संग मिलाय,
फोड़ा-फुंसी दूर हों,
सभी बला टल जाय...।
      (5)
अजवाइन गुड़ खाइए,
तभी बने कुछ काम,
पित्त रोग में लाभ हो,
पाएंगे आराम......।
      (6)
ठंड लगे जब आपको,
सर्दी से बेहाल,
नींबू मधु के साथ में,
अदरक पीएं उबाल..।
      (7)
अदरक का रस लीजिए,
मधु लेवें समभाग,
नियमित सेवन जब करें,
सर्दी जाए भाग.....।
      (8)
रोटी मक्के की भली,
खा लें यदि भरपूर,
बेहतर लीवर आपका,
टीबी भी हो दूर....।
      (9)
गाजर रस संग आंवला,
बीस औ चालीस ग्राम,
रक्तचाप हिरदय सही,
पाएं सब आराम...।
     (10)
शहद आंवला जूस हो,
मिश्री सब दस ग्राम,
बीस ग्राम घी साथ में,
यौवन स्थिर काम....।

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