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रविवार, 7 सितंबर 2014

उत्प्रेरक ग्रीन टी

ग्रीन टी की लोकप्रियता इन दिनों काफी बढ़ रही है। यह एंटीआक्सीडेंट है और हृदय के लिए लाभप्रद मानी जाती है। कुछ तत्वों के साथ इसे और उत्प्रेरक बनाया जा सकता है। एक कप पानी में एक चम्मच ग्रीन टी डालिए। इसमें थोड़ा सा अदरक कुचल कर डाल दीजिए और एक टुकड़ा गुड़ भी डाल दीजिए। अच्छी तरह उबलने के बाद इसे छान लीजिए। अब इसमें चंद बूंदे नींबू की और चुटकी भर काला नमक मिलाइए। फिर इसका मजा लीजिए। यह अदरक, नींबू और काला नमक के गुणों से लैस होकर स्वाद और स्वास्थ्य दोनों दृष्टि से श्रेष्ठ बन जाती है। गला साफ करती है, गैस दूर करती है, पाचन में सहायक है और कफनाशक बन जाती है। इसे लेने के बाद आपके मुंह का स्वाद अच्छा हो जाता है। कुछ देर बाद ही भूख खुल कर लगने लगती है।
अब देखिए ग्रीन टी के ग्यारह फायदेः-
1.वजन नियंत्रित करती हैः ग्रीन टी के सेवन से शरीर का मेटाबालिज्म बढ़ जाता है। ग्रीन टी में पाया जाने वाला पोलीफिनाल फेट के आक्सीडेशन के स्तर को बढ़ा देता है। इससे भोजन को कैलरी में बदलने की गति भी बढ़ जाती है। तात्पर्य यह कि इससे शरीर में अनावश्यक चर्बी नहीं जमने पाती।

2.दिल की बीमारी मेंः वैज्ञानिकों का मत है कि यह ब्लड वेसल्स की लाइनिंग पर भी कार्य करती है। रक्त वाहनियों की नमनीयता बनाए रखती है। उनमें रक्त के थक्के नहीं जमने देती। थक्के ही हार्ट अटैक का मूल कारण होते हैं।
3.बुरे कोलेस्ट्रोल को कम कर, अच्छे कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ाती है।
4.कैंसरः यह कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी हमारी रक्षा करती है। स्वस्थ टिश्यूज को बगैर हानि पहुंचाए कैंसर की कोशिकाओं पर अटैक करती है। आसोफेगस कैंसर से रक्षा करती है।
5.डायबिटीजः ग्रीन टी ग्लुकोज के स्तर को नियमित करने में भी सहायक होती है। इससे भोजन के बाद ब्लड शुगर बढ़ने नहीं पाती। अर्थात डायबिटीज के खतरे से बचाती है।
6.अलझायमर्स और पार्किन्सन्सः इन रोगों में शरीर को होने वाली क्षति की गति को कम करती है। ब्रेन के डेड सेल्स के पुनर्निर्माण में सहायक होती है।
7.दंत रोगों मेंः इसमें पाया जाने वाला एंटीआक्सीडेंट बैक्टीरिया और वायरस के हमलों से दांतों और गले की रक्षा करता है।
8.रक्तचापः इसके नियमित सेवन से रक्तचाप नियंत्रण में रहता है।
9.इसमें प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला थिएनाइन अमिनो एसिड डिप्रेशन के खतरे से बचाता है।
10.त्वचा की झुर्रियांः ग्रीन टी के नियमति सेवन से त्वचा पर झुर्रियां नहीं पड़ने पाती, यह एक तरह से एंटी एजिंग का काम करती है।
11.एंटी बैक्टीरियलः यह एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुणों से भी भरपूर है। अर्थात जीवाणु और विषाणु के हमले से हमारी रक्षा करती है। 
सावधानीः सवाल है कि दिन में कितने कप ग्रीन टी पी जाए। कोई कहता है दो कप तो कोई तीन चार कप। हमारी राय है कि हर शरीर की जरूरत जुदा होती है। आप अपने शरीर की जरूरत के अनुसार इसका सेवन करें। अति सर्वत्र वर्ज्यतेः । गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए या डाक्टर से पूछ कर ही सेवन करें। कारण यह आयरन और फोलिक एसिड के अवशोषण को कम करती है।

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