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गुरुवार, 11 सितंबर 2014

अपने आसपास के गड्ढे

सड़क के गड्ढों से आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। आपके आसपास भी होंगे सड़क में गड्ढे। आप भी इंतजार करते थक गए होंगे मगर नगर निगम ने इनकी सुध नहीं ली। रोज घर से निकलते समय आपको इनसे बच कर निकलना पड़ता होगा। कभी कभार ध्यान हटने पर आपकी गाड़ी गड्ढे में उतर जाती होगी और रीढ़ में जोर का झटका लगता होगा। इनसे अनजान व्यक्ति यदाकदा गिर भी जाते होंगे। मेरे घर के पास भी सड़क के माेड़ पर गड्ढा था, एक दिन एक दुपहिया चालक को मैंने गड्ढे की वजह से गिरते देखा। गनीमत है उसे ज्यादा चोट नहीं लगी थी। मोहल्ले के पार्षद महोदय ने इसके पास की सड़क तो सीमेंट की बनवा दी मगर यह गड्ढा उन्हें शायद नजर नहीं आया। दूसरे दिन से मैंने उस गड्ढे को भरने की कवायद शुरू की। मैं रोज सुबह साढ़े चार बजे जागता हूं और अपने आंगन की झाड़ू लगाता हूं। रोज गड्ढे में थोड़ा-थोड़ा मलबा डालना शुरू किया। लगभग एक हफ्ते में गड्ढा भर गया। इससे मुझे और मेरे परिवार को तो राहत मिली ही, अन्य राहगीर भी वहां से अब निर्बाध निकल जाते हैं। आप भी अगर अपने आसपास के गड्ढों को भरने की कोशिश करें, तो इससे आपको तो लाभ होगा ही अन्य कईं लोग भी लाभान्वित होंगे। इंदौर की आबादी करीब पच्चीस लाख है। माना सभी लोग तो एेसा नहीं कर सकते लेकिन यदि एक लाख लोग भी ऐसा करने लगें तो सड़कों के कईं गड्ढों से निजात पाई जा सकती है। आपकी और हम सबकी रीढ़ की रक्षा की जा सकती है। कब तक नगर निगम की राह देखते रहेंगे। कुछ कार्य नागरिकों को भी करने चाहिए। 

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