सर्वे भवंतु सुखिन, सर्वे संतु निरामय। अगर हम एक आदर्श जीवनशैली अपना लें, तो रोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। मैंने अपने कुछ अनुभूत प्रयोग यहां पेश करने की कोशिश की है। जिसे अपना कर आप भी स्वयं को चुस्त दुरुस्त रख सकते हैं। सुझावों का सदैव स्वागत है, कोई त्रुटि हो तो उसकी तरफ भी ध्यान दिलाइए। ईमेल-suresh.tamrakar01@gmail.com
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रविवार, 8 जनवरी 2012
तुलसी महिमा
तुलसी की महिमा अपरंपार है, नीत नई खोज हो रही है और तुलसी के बारे में नई-नई जानकारियाँ सामने आ रही हैं। अब वैज्ञानिकों ने यह साबित किया है कि तुलसी रेडिएशन से बचाती भी है और रेडिएशन के दुष्प्रभावों को दूर भी करती है। ९९ वीं विज्ञान कांग्रेस में आए वैज्ञानिक डबल्यू सेल्वामूर्ति ने बताया कि रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) ने तुलसी से निर्मित दवा से रेडिएशन के उपचार में सफलता पाई है। इसका पशुओं और मानव पर सफल परीक्षण किया जा चुका है। श्री सेल्वामूर्ति का दावा है कि पहली बार तुलसी का रेडिएशन के उपचार में प्रयोग किया गया है।
समुद्री बकथोर्न और पोडोफाइलम हेक्सान्ड्रम से भी विकिरण रोधी दवाएं बनाई गई हैं। वर्तमान में विकिरण के उपचार की जो दवाएं उपलब्ध हैं वे काफी जहरीली हैं। बाद में अपने दुष्प्रभाव छोड़ती है, उसकी तुलना में तुलसी व अन्य जड़ी बूटियों से बनी ये दवाएं ज्यादा कारगर व सुरक्षित साबित हो रही हैं। डीआरडीओ ने एलोवीरा (ग्वारपाठा) से क्रीम बनाई है जो सियाचिन ग्लेशियर पर तैनात सैनिकों को हिमदंश से बचाती है। आयुर्वेद के ज्ञाता हमारे पूर्वज इन जड़ी-बूटियों के गुणों से हजारों वर्ष पूर्व ही परीचित थे। लेकिन हमने उन के शोध और अनुसंधान को भूला कर पाश्चात्य औषधियों को अपना लिया। अब इनकी उपयोगिता एक के बाद एक सिद्ध होने के बावजूद सरकार आयुर्वेद तथा अन्य वैकल्पिक चिकित्सा शास्त्र को बढ़ावा देने के लिए कुछ नहीं कर रही है। विदेशी चिकित्सा प्रणाली के मकड़जाल में फँस कर पता नहीं कब तक हम जीव जगत और पर्यावरण को हानि पहुँचाते रहेंगे।
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