सर्वे भवंतु सुखिन, सर्वे संतु निरामय। अगर हम एक आदर्श जीवनशैली अपना लें, तो रोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। मैंने अपने कुछ अनुभूत प्रयोग यहां पेश करने की कोशिश की है। जिसे अपना कर आप भी स्वयं को चुस्त दुरुस्त रख सकते हैं। सुझावों का सदैव स्वागत है, कोई त्रुटि हो तो उसकी तरफ भी ध्यान दिलाइए। ईमेल-suresh.tamrakar01@gmail.com
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मंगलवार, 27 दिसंबर 2011
पिलो फाइट और विपश्यना
चीन में क्रिसमस पर हर साल तनाव कम करने के लिए तकिया युद्ध (पिलो फाइट) होती है। पिछले चार-पाँच सालों से यह आयोजन दिन पर दिन लोकप्रिय होता जा रहा है। लोग एक दूसरे को तकियों से पीट कर अपना तनाव दूर करते हैं। बास मातहतों को पीटता है तो मातहत बास पर तकिए से वार करते हैं। छात्र अध्यापक पर तकिया चलाते हैं, तो अध्यापक छात्रों पर। दोस्तों के बीच भी तकिया युद्ध चलता है। इस तरह साल में एक बार एक दूसरे की तकियों से पिटाई कर लोग तनावमुक्त हो जाते हैं।
आधुनिक जीवन शैली में मानवजीवन अत्यधिक तनावग्रस्त होता जा रहा है। खाना समय पर नहीं बना तो तनाव, बस लेट आई तो तनाव, रास्ते में ट्रेफिक जाम मिला तो तनाव, टीचर ने डांट दिया तो तनाव, बास नाराज हो गए तो तनाव। यह तनाव तरह-तरह की बीमारियों का रूप लेकर मनुष्य को जीवनभर परेशान करता रहता है। ऐसे में तनाव दूर करने के तरह-तरह के उपाय लोग खोज रहे हैं। स्पेन में टोमेटो फेस्टिवल का आयोजन होता है। हमारे यहाँ होली पर लोग एक दूसरे को रंगते हैं, गालियाँ देकर भड़ास निकालते हैं। गोटमार जैसे आयोजन भी तनाव और भड़ास निवारण की श्रेणी में ही आते हैं। लेकिन ये सब तो उपरी उपाय हैं। कुछ देर के लिए जरूर ऐसा लगता होगा कि हम तनावमुक्त हो गए, लेकिन क्या वास्तव में ऐसा होता है। हमने अपनी जीवन शैली में तनाव की जो गाँठें बना ली है, वह इतनी आसानी से नहीं खुलती। उनके लिए ऐसी ध्यान साधना चाहिए, जो गहराई तक सर्जरी कर तनाव को समाप्त करे। विपश्यना ध्यान से ऐसी गहरी सर्जरी होती है। अगर मनुष्य नियमित विपश्यना करे तो वह न केवल तनाव से मुक्त हो सकता है, बल्कि ऐसी जीवनशैली सीख जाता है जहाँ तनाव की कोई गुंजाइश ही नहीं रहती।
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