सर्वे भवंतु सुखिन, सर्वे संतु निरामय। अगर हम एक आदर्श जीवनशैली अपना लें, तो रोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। मैंने अपने कुछ अनुभूत प्रयोग यहां पेश करने की कोशिश की है। जिसे अपना कर आप भी स्वयं को चुस्त दुरुस्त रख सकते हैं। सुझावों का सदैव स्वागत है, कोई त्रुटि हो तो उसकी तरफ भी ध्यान दिलाइए। ईमेल-suresh.tamrakar01@gmail.com
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बुधवार, 13 जुलाई 2011
पेनकिलर या किलर
दर्द को दबाने के लिए लोग अक्सर पेनकिलर (दर्दनाशक) दवाएं लेते रहते हैं। इन दवाओं के अत्यधिक सेवन से कईं बार मौत भी हो जाती है। पिछले दिनों माइकल जेक्सन भी इसीके शिकार हुए थे। दो माह पूर्व ओकलाहामा के प्रसिद्ध फुटबाल खिलाड़ी आस्टिन बाक्स की मौत का सबब भी पेनकिलर ही हैं। हाल ही उसकी मौत की चिकित्सकीय जाँच रपट जारी हुई है, उसके शरीर में पाँच पेनकिलर पाए गए हैं-
आक्सीमार्फोन(oxymorphone)
मार्फिन(morphine)
हाइड्रोकोडोन(hydrocodone)
हाइड्रोमार्फोन(hydromorphone)
आक्सीकोडोन(oxycodone)।
इनके अलावा वह एंटी एंजाइटी ड्रग अल्प्राझोलम (alprazolom) भी लेता था। अत्यधिक फुटबाल खेलने और सबसे आगे रहने की लालसा में वह अपने शरीर के साथ लगातार अत्याचार कर रहा था। उसके माता-पिता ने बताया कि आस्टिन अपना दर्द अपने हमदर्दों के सामने प्रकट नहीं करता और चुपचाप ये दवाएं खाता रहा। ज्यादा खेलने के कारण उसे अक्सर चोटें लगती रहती थी। अगस्त 2010 में उसकी रीढ़ में चोट आई थी। इसके बावजूद उसने अपनी टीम की खातिर पुनः खेलना शुरू कर दिया। हमारे पुराणों में सही कहा गया है कि अति सर्वत्र वर्जयते। उसने खेलने की अति तो की ही पेनकिलर खाने की भी अति कर डाली। बेचारा इस वजह से बाइस बरस की अल्पायु में ही मौत को गले लगा बैठा।
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