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मंगलवार, 17 मई 2011

नील मधु या अलसी प्राश


डा.ओपी वर्मा ने घर से बाहर होस्टल में रहने वाले छात्रों के लिए नील मधु नाम से अलसी का नया नुस्खा बनाया है। यह महीने पंद्रह दिन तक खराब नहीं होता। घर से बना कर ले आएं और रोज खाते जाएं। स्वाद भी ऐसा कि सबके मन को भाए। नील माने अलसी और मधु तो आप जानते ही हैं, शहद को कहते हैं। सौ ग्राम अलसी, पचास ग्राम बादाम, पचास ग्राम काजू, पचास ग्राम किसमिस, पचास ग्राम पिस्ता लें। सभी को मिक्सर में एक साथ पीस लें। अब इसमें पचास ग्राम मिल्क पावडर मिला दें। फिर इतना मधु डालें कि च्वन्यप्राश की तरह पेस्ट बन जाए। इसे एक डिब्बे में भर कर रख लीजिए। रोज सुबह शाम एक-एक चम्मच खाते रहिए। अलसी के साथ मेवों का संयोग इस नुस्खे को और अधिक फायदेमंद बना देता है। पीसी अलसी वैसे खराब होने लगती है। लेकिन इसमें उस पर मधु का कोटिंग होने से आक्सीडेशन की क्रिया रुक जाती है। बाहर रहने वाले छात्रों के लिए तो यह नुस्खा रामबाण है। अलसी को रोज रोज पीसने और खाने की जहमत वे उठा नहीं सकते।

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