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रविवार, 29 मई 2011

बायोप्लास्टिक

प्लास्टिक थैलियों का विकल्प शीघ्र ही बाजार में आने वाला है। प्लास्टिक की थैलियाँ जहाँ खनिज तैल से बनती हैं, वहीं बायोप्लास्टिक की थैलियाँ अखाद्य वनस्पति तैलों से बनेगी। प्लास्टिक की थैलियाँ नष्ट नहीं होती और जमींन को बिगाड़ रही हैं। ये थैलियाँ आसानी से नष्ट होकर मिट्टी में मिल जाएंगीं। इसका एक और फायदा है, इससे हमारे किसान भाइयों को अखाद्य तिलहन की खेती कर धन कमाने के अवसर मिलेंगे। अनेक राज्यों में प्लास्टिक की थैलियों पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। लेकिन हमारे प्रदेश में अभी सरकार चेती नहीं है। अगर खेती और पर्यावरण को बचाना है, तो इस दिशा में शीघ्र फैसला करना चाहिए। बायोप्लास्टिक उद्योग की संभावना भी अभी से तलाशनी शुरू कर देनी चाहिए।

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