सर्वे भवंतु सुखिन, सर्वे संतु निरामय। अगर हम एक आदर्श जीवनशैली अपना लें, तो रोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। मैंने अपने कुछ अनुभूत प्रयोग यहां पेश करने की कोशिश की है। जिसे अपना कर आप भी स्वयं को चुस्त दुरुस्त रख सकते हैं। सुझावों का सदैव स्वागत है, कोई त्रुटि हो तो उसकी तरफ भी ध्यान दिलाइए। ईमेल-suresh.tamrakar01@gmail.com
कुल पेज दृश्य
शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010
मुँहासे की क्रीमें कितनी घातक हैं
मुँहासे मिटाने की क्रीमें कितनी खतरनाक हैं। यह बात एलोपैथी के डाक्टरों के मुँह से कही जा रही हैं। एम्स दिल्ली की स्त्रीरोग विभाग प्रमुख डा. कमल बख्शी के अनुसार मुँहासे की ये क्रीमें गर्भस्थ शिशु को अपाहिज बना सकती हैं। वह हमेशा के लिए न सिर्फ पंगु हो सकता है, बल्कि उसके दिल में छेद भी हो सकता है। ओहो कितनी खतरनाक है ये तथाकथित दवाएँ। फिनीक्स अस्पताल की स्त्रीरोग विशेषज्ञ शिवानी सचदेवा का भी यही मत है। डा.सचदेवा के अनुसार इन क्रीमों में एजेलेक एसिड, एडेपलेन, ट्रेटीनोइन, सोडियम स्लफासेटेमाइड, क्लीनडामाइसिन, एर्थ्रोमाइसिन, सेलेसिलिक एसिड, हाइड्रोकार्टिजोन तथा बेंजोइन पेराक्साइड जैसे घातक तत्व होते हैं। रक्त में पहुँचने के बाद ये तत्व गर्भस्थ शिशु के हाथ पैर छोटे कर सकते हैं, उसके दिल में छेद कर सकते हैं। वह मानसिक रूप से विक्षिप्त हो सकता है। ओंठ या तालु कटे हो सकते हैं। आँखों व कानों में दोष हो सकता है। मूत्राशय से संबंधित दोष हो सकते हैं। क्रीम के ये रसायन त्वचा के जरिए रक्त में पहुँच जाते हैं। अमेरिका में किए अध्ययनों से ये बातें सामने आई हैं। अगर ये क्रीमें गर्भस्थ शिशु को हानि पहुँचाती हैं तो उसकी माँ को क्या छोड़ती होंगी, उसे भी तो हानि पहुँचाती होंगी। इनकी तुलना में होमियो दवाएं और आयुर्वेद के नुस्खे कितने निरापद हैं। अलसी क्या बुरी है? अलसी मुँहासे सहित अनेक त्वाचा रोगों में लाभप्रद है। उक्त डाक्टरों का कहना है कि गर्भावस्था में उन महिलाओं को भी मुँहासे निकल आते हैं, जिन्हें पहले कभी नहीं निकले। इसलिए बिना डाक्टर की सलाह से वे किसी क्रीम का इस्तेमाल न करें।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें