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शुक्रवार, 24 दिसंबर 2010

इमली का शरबत


अधिकांश लोग इमली का सेवन अच्छा नहीं समझते। इमली के बारे में अनेक भ्रांतियाँ है कि यह बीमारी का घर है। हकीकत यह है कि यह गुणों की खान है। दक्षिण भारत में इमली का अत्यधिक सेवन किया जाता है। वहाँ चावल अधिक खाया जाता है। ज्यादा चावल खाने से शरीर में कफ बढ़ जाता है, इमली उसका शमन करती है। इसीलिए वे लोग चावल के साथ इमली की चटनी या इमली के पानी (झोलिए) का सेवन करते हैं।
इमली का शरबत बनाना बड़ा आसान है। रात को इमली और गुड़ गला दीजिए। सुबह दोनों को फेंट लीजिए। इमली के बीज निकाल दीजिए। इसमें स्वाद अनुसार काला नमक, पीसी काली मिर्च, अदरक डालिए और पीजिए। सर्दियों में इसे गर्म कर और गर्मी में ठंडा कर सेवन कर सकते हैं। इसे अगर रात को पीया जाए तो कब्ज मिटती है और प्रातःकाल पीने से कफ और पित्त का शमन होता है।
इमली का सेवन दाल साग में खटाई के लिए भी नियमित किया जा सकता है। इसकी चटनी बना कर रोज खाई जा सकती है। यह हर रूप में फायदा ही करती है।

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