सर्वे भवंतु सुखिन, सर्वे संतु निरामय। अगर हम एक आदर्श जीवनशैली अपना लें, तो रोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। मैंने अपने कुछ अनुभूत प्रयोग यहां पेश करने की कोशिश की है। जिसे अपना कर आप भी स्वयं को चुस्त दुरुस्त रख सकते हैं। सुझावों का सदैव स्वागत है, कोई त्रुटि हो तो उसकी तरफ भी ध्यान दिलाइए। ईमेल-suresh.tamrakar01@gmail.com
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शुक्रवार, 29 अक्तूबर 2010
नींबू की चाय (lemon tea)
सेहतमय स्वागत में मैंने नींबू की चाय का जिक्र किया था। आज सेहत डेस्क पर इसकी विधि दिखाई दी सोचा इसे अपने ब्लाग में डाल दूं। कुछ संशोधन के साथ पेश है-
सामग्री : एक नीबू, आवश्यकता के अनुसार जल और जल की मात्रा के लिए उचित मात्रा में शकर व चाय की पत्ती।
विधि : जितने कप चाय बनाना हो, उतने कप पानी तपेली में डालकर आग पर रख दें और पानी के हिसाब से शकर डालकर उबलने दें। जब पानी उबलने लगे, तब नीचे उतार कर चाय की पत्ती आवश्यक मात्रा में डालकर तुरन्त ढक्कन से ढँक दें। दो-तीन मिनट से ज्यादा देर ढक कर न रखें, वरना स्वाद कड़वा हो जाता है।
इसके बाद नींबू काटकर यथोचित मात्रा में नींबू को दबाकर जितना रस टपकाना (जल की मात्रा के अनुसार) उचित हो उतना रस टपका दें। इस चाय का रंग नारंगी और स्वाद खटमिट्ठा सा होता है। बस, नींबू की चाय तैयार है। चाहें तो एक चुटकी काला नमक डाल कर स्वाद और बढ़ा सकते हैं।
लाभ : इसे चाय के स्थान पर, चाय की तरह दिन में 2-3 बार पी सकते हैं। बिना कोई हानि किए वह स्वादिष्ट चाय स्फूर्तिदायक तो होती है।
यदि भोजन के एक घण्टे पहले पी जाए तो भूख बढ़ती है, यदि भोजन के एक घण्टे बाद पी जाए तो भोजन को पचाने वाली सिद्ध होती है। इस चाय को किसी भी ऋतु में पिया जा सकता है। मेहमान इस नए ढंग की स्वादिष्ट चाय को बहुत पसन्द करते हैं।
•ध्यान रहे इसमें पत्ती ज्यादा नहीं डालें, कम से कम पत्ती हो तो स्वाद मजेदार होता है।
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