सर्वे भवंतु सुखिन, सर्वे संतु निरामय। अगर हम एक आदर्श जीवनशैली अपना लें, तो रोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। मैंने अपने कुछ अनुभूत प्रयोग यहां पेश करने की कोशिश की है। जिसे अपना कर आप भी स्वयं को चुस्त दुरुस्त रख सकते हैं। सुझावों का सदैव स्वागत है, कोई त्रुटि हो तो उसकी तरफ भी ध्यान दिलाइए। ईमेल-suresh.tamrakar01@gmail.com
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शनिवार, 25 सितंबर 2010
चाय का विकल्प
कोई नया संकल्प लीजिए। जैसे चाय छोड़ कर कोई अन्य पेय अपना सकते हैं। एक अच्छा विकल्प है, शरीर के लिए फायदेमंद है। अदरक और गुड़ को पानी में उबाल लीजिए, छान कर इसमें नींबू और थोड़ा काला नमक डालिए। और गर्मागर्म पीजिए। यह पेय चाय की अपेक्षा फायदेमंद है और आसानी से चाय के विकल्प की तरह अपनाया जा सकता है। यह पाचक, कफ नाशक तो है ही, चाय की तरह एसिडिटी नहीं करता। इसे पीने के बाद भूख लगती है, जबकि चाय पीने के बाद भूख मर जाती है।
दूसरा विकल्प है ग्रीन टी। किसी नर्सरी से इसका पौधा ले आइए और गमले में लगा लीजिए। इसकी पत्तियों को पानी में चाय की तरह उबाल कर दिन में तीन चार बार सेवन कर सकते हैं। यह भी चाय का अच्छा विकल्प है और स्वास्थ्यवर्धक है। एक बात और इसमें दूध मत डालिए और शकर की जगह गुड़ का प्रयोग कीजिए। यह एक प्राकृतिक पेय है। इसके नियमित सेवन से हृदयरोग से बचा जा सकता है। और यह मोटापा कम करने में भी सहायक है।
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