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गुरुवार, 22 जुलाई 2010

८५ की उम्र में १५ सी चुस्ती

मेरे मित्र के मौसाजी ट्रेन में सफ़र कर रहे थे उस बोगी में एक बूढ़े सज्जन भी थेउम्र ८५ मगर फुर्ती १५ जैसीअपना सामान खुद उठाते, स्टेशन पर पुल भी आसानी से चढ़ गएमौसाजी ने आखिर पूछ ही लिया, दादा आपके सेहत का राज क्या हैपुल चढ़ने में हमारा तो दम फूलने लगता है? कहने लगे बेटा यह सब अलसी का कमाल हैमेरे पिताजी ने कहा था, बेटे सब कुछ भुलना मगर अलसी खाना कभी मत भुलनातब से आज तक पचास बरस हो गए, रोज सुबह एक चम्मच अलसी का पावडर पानी के साथ लेता हूँकभी बीमार नहीं होतायही है मेरी तंदुरस्ती का राजतो दोस्तों अलसी की महिमा हमे तो अब पता चली, हमारे पूर्वज पहले से जानते थेअब भी देर नहीं हुई हैआज से ही कर दो शुरू

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