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मंगलवार, 13 सितंबर 2011

हिन्दी रोमन में लिखने से बचें

आज हिन्दी दिवस है। अखबारों ने विशेष सामग्री पेश की है। कुछ हिन्दी प्रेमियों ने हिंग्लिश के बढ़ते प्रयोग से हिन्दी को खतरा बताया है तो कुछ का मत है हिन्दी को कोई खतरा नहीं है। अगर अन्य भाषाओं के शब्द हिन्दी में आते हैं तो आने दें लेकिन व्याकरण हिन्दी का इस्तेमाल करें। परिवर्तन संसार का नियम है, इसे कोई नहीं रोक सकता। भाषा और भूषा हमेशा समय के साथ बदलती रही हैं। प्राचीन समय में संस्कृत और पाली चलती थी। अब दोनों मृत भाषाओं की सूची में जा चुकी हैं। लेकिन पिछले दिनों एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई थी कि युवा पीढ़ी में इंटरनेट और मोबाइल के बढ़ते प्रयोग से चीन के युवक चीनी लिपी भूलने लगे हैं। वहाँ की सरकार इसके प्रति सतर्क होकर चीनी भाषा सिखाने पर जोर दे रही है। ऐसा खतरा हमारी देवनागरी लिपि को भी हो सकता है। इंटरनेट और मोबाइल पर हिन्दी रोमन में लिखी जा रही है। हिन्दी को अगर देवनागरी में ही लिखा जाए तो यह हिन्दी के हित में होगा। इंटरनेट पर भी आजकल देवनागरी में लिखने के लिए बहुत से टूल उपलब्ध हैं। उनका इस्तेमाल कर हम हिन्दी को बढ़ावा दे सकते हैं। आप चाहें तो अपने पीसी पर इनके माध्यम से देवनागरी में इंटरनेट का इस्तेमाल शुरू कर सकते हैं। अगर हम इंटरनेट का इस्तेमाल रोमन की जगह देवनागरी में करने का संकल्प लें तो हिन्दी दिवस पर यह एक अच्छी शुरूआत होगी। मोबाइल पर भी हिन्दी में एसएमएस भेजने की सुविधा उपलब्ध है, हमें यथासंभव उसका प्रयोग ही करना चाहिए।

1 टिप्पणी:

  1. बड़ी सटीक और प्रासंगिक बात है ..मैं कोशिश करूँगा .. हिंदी दिवस की सार्थकता इसी बात में होगी ...धन्यवाद !!!!

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