सर्वे भवंतु सुखिन, सर्वे संतु निरामय। अगर हम एक आदर्श जीवनशैली अपना लें, तो रोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। मैंने अपने कुछ अनुभूत प्रयोग यहां पेश करने की कोशिश की है। जिसे अपना कर आप भी स्वयं को चुस्त दुरुस्त रख सकते हैं। सुझावों का सदैव स्वागत है, कोई त्रुटि हो तो उसकी तरफ भी ध्यान दिलाइए। ईमेल-suresh.tamrakar01@gmail.com
कुल पेज दृश्य
रविवार, 5 जून 2011
अपने हाथों अपना मुँह काला
कांग्रेस ने बाबा रामदेव की आधी रात को अचानक गिरफ्तारी और उनके भक्तों पर लाठियाँ तथा अश्रुगैस चलाकर अपना मुँह अपने हाथों से काला कर लिया। अब कांग्रेस को बाबा ठग नजर आ रहे हैं। दिल्ली आगमन पर चार मंत्रियों ने पलक पावड़े बिछा कर उनका स्वागत किया, तब वे ठग नहीं थे। धन्य है कांग्रेस और कांग्रेसी। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना ठगी है और भ्रष्टाचार करना शायद कांग्रेस की नजर में पुण्य का कार्य है। इसीलिए मनमोहनसिंह की सरकार भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कुछ करना नहीं चाहती। क्योंकि ऐसा करने पर उसे पाप लगने का डर है। अण्णा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अलख जगाया तो चालाक कांग्रेसियों ने उन्हें भी कमेटी बना कर उलझा दिया। यह बड़ा आसान तरीका है, किसी भी काम को टालना हो तो कमेटी या कमिशन बना दो। कुछ दिनों में लोग भूल जाएंगे और अपना ढर्रा ज्यों का त्यों चलता रहेगा। लेकिन जनता अब ये चालें अच्छी तरह समझने लगी है। अब ज्यादा दिन दाल गलने वाली नहीं है।
बाबा रामदेव ने आयुर्वेद, योग और लोगों की सेहत सुधारने के लिए पूरे देश में जो अलख जगाया है, वह बेमिसाल है। हजारों, लाखों लोग उनके बताए मार्ग पर चल कर अपनी और अपने परिवार की सेहत सुधार रहे हैं। उन्होंने मल्टीनेशनल ठगोरों के खिलाफ एक तंत्र खड़ा किया है। खुले आम वे अपने शिविरों में शीतलपेय वालों और दवा के नाम पर ठगी करने वालों के खिलाफ आवाज उठाते हैं। इसलिए बाबा इनको फूटी आँख नहीं भाते।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें