सर्वे भवंतु सुखिन, सर्वे संतु निरामय। अगर हम एक आदर्श जीवनशैली अपना लें, तो रोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। मैंने अपने कुछ अनुभूत प्रयोग यहां पेश करने की कोशिश की है। जिसे अपना कर आप भी स्वयं को चुस्त दुरुस्त रख सकते हैं। सुझावों का सदैव स्वागत है, कोई त्रुटि हो तो उसकी तरफ भी ध्यान दिलाइए। ईमेल-suresh.tamrakar01@gmail.com
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सोमवार, 21 मार्च 2011
पानी बचाएं, ऐसे नहाएं
आज विश्व जल दिवस है। इस अवसर पर हम पानी बचाने के लिए घर्षण स्नान के तरीके को अपना कर पानी भी बचा सकते हैं और प्राकृतिक स्नान के लाभ भी हासिल कर सकते हैं। आमतौर पर लोग नहाने के नाम पर काफी पानी यूँ ही बर्बाद कर देते हैं। घर्षण स्नान में सिर्फ चार पाँच मग पानी से काम चल जाता है। एक तसले में चार-पाँच मग पानी भर लें और एक छोटा नेपकिन ले लें। नेपकिन को पानी में भिगो-भिगो कर सारे शरीर को रगड़-रगड़ कर साफ करते जाइए। घर्षण से शरीर का रक्तसंचार तेज होता है और त्वचा की सफाई भी अच्छी तरह हो जाती है। इससे व्यायाम का लाभ बोनस में मिल जाता है। केवल शरीर पर पानी उंढेलने से शरीर की सफाई नहीं होती। घर्षण स्नान से त्वचा का रोम-रोम खुल जाता है और त्वचा चिकनी व चमकीली हो जाती है। तो जल दिवस पर जल बचाने की आज से इस तरह शुरुआत कर दीजिए।
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