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शनिवार, 19 मार्च 2011

सेहत के चार यार(drumstick)


इन दिनों में सहजन अर्थात सुरजने की भी बहार आती है। इसे अंग्रेजी में ड्रम स्टीक कहते हैं, क्योंकि इसकी फलियाँ ड्रम बजाने की स्टीक की तरह नजर आती हैं। सहजन का पेड़ भी पोषक तत्वों से भरपूर है। इसके फूल, पत्ते और फलियाँ सभी खाने के काम आते हैं। तमिलनाडु व केरल में सिद्ध औषधि शास्त्र में व आयुर्वेद में सहजन के अनेक गुणों का बखान है। इसकी पत्तियाँ बीटा केरोटिन, विटामीन सी और आयरन, पोटेशियम से भरपूर होती हैं। पत्तियों के एक चम्मच पावडर में 14 प्रतिशत प्रोटीन, 40 प्रतिशत केलशियम और 23 प्रतिशत आयरन अर्थात लोहा होता है। यह गर्भवती स्त्रियों व प्रसूता माताओं के लिए वरदान है। इसका तीन चम्मच पावडर अगर रोज ऐसी स्त्रियों को दिया जाए तो उन्हें और किसी पोषक दवाई की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्रसूता माताओं में इसके सेवन से दूध की वृद्धि होती है और दूध पोष्टिक होता है। यह ग्रामीण भारत में कुपोषण दूर करने में बड़ा सहायक हो सकता है। इसका पेड़ बड़ी आसानी से लग जाता है और ज्यादा देखभाल भी नहीं करनी पड़ती। पत्तियों का पालक की तरह साग बना कर खाया जा सकता है। फूलों की साग भी मशरुम जैसा जायका देती है। फलियाँ तो है ही स्वाद व सेहत से लबरेज। उबाल कर चाहें तो ऐसे ही खाएं या सब्जी बना कर या कड़ी में डाल कर खा सकते हैं। पत्तियों का सूखा पावडर सूप व सास में भी डाला जाता है। सब्जियों में भी डाल कर खाया जा सकता है। इसके बीजों से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की दवाई भी बनती है। अर्थात यह यौन शक्तिवर्धक है। अगर आपके घर आँगन में थोड़ी सी खुली जमींन है, तो उसमें सेहत के चार यार अमरूद, आँवला, बेल और सहजन को जरूर स्थान दीजिए। यह आपकी दैहिक और आर्थिक दोनों सेहत को सुधार देंगे।

2 टिप्‍पणियां:

  1. सुरजना की फली के व्यंजन अब और स्वादिष्ट लगेंगे क्योकिं आपका ब्लॉग सहजन की महिमा बता गया ... अब सहजन के प्रति आदर बढ जो गया है

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