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शुक्रवार, 21 जनवरी 2011

नए साल में यह संकल्प लें

नए साल में बीमार नहीं पड़ने का संकल्प लीजिए। कोई सवाल पूछ सकता है कि वाह क्या हम चाह कर बीमार पड़ते हैं? उत्तर है हाँ। हम बीमारी को एक तरह से न्यौता देते हैं। जो कुदरत के करीब रहता है, बीमारी उससे दूर रहती है और जो कुदरत से दूर हटता जाता है बीमारी उसके करीब आती जाती है। अगर हम कुदरत की आचार संहिता का पालन करें तो बीमारी पास ही न फटके। आहार, विहार और विचार का सुयोग और संतुलन ही अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है। बीमार पड़ना अपने, परिवार के और समाज के प्रति एक प्रकार का अपराध है। इस अपराध की सजा सभी को भोगना पड़ती है। तो इस अपराध से बचिए। नया वर्ष सभी के लिए मंगलमय हो।

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