सर्वे भवंतु सुखिन, सर्वे संतु निरामय। अगर हम एक आदर्श जीवनशैली अपना लें, तो रोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। मैंने अपने कुछ अनुभूत प्रयोग यहां पेश करने की कोशिश की है। जिसे अपना कर आप भी स्वयं को चुस्त दुरुस्त रख सकते हैं। सुझावों का सदैव स्वागत है, कोई त्रुटि हो तो उसकी तरफ भी ध्यान दिलाइए। ईमेल-suresh.tamrakar01@gmail.com
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रविवार, 19 दिसंबर 2010
ग्लीसरीन और गुलाबजल
शीतकाल में अक्सर त्वचा खुश्क हो जाती है और बदन में खुजली चलती है। अगर नहाने के बाद सारे शरीर पर ग्लिसरीन और गुलाब जल मल लिया जाए, तो इससे बचा जा सकता है। ग्लिसरीन एक भाग और गुलाबजल तीन भाग मिला कर एक शीशी में भर लीजिए और नहाने के बाद बदन सुखा कर दोनों हथेलियों की सहायता से यह मिश्रण मलते जाइए। अगर सिर में रुसी हो तो आप इसे बालों की जड़ो में भी लगा सकते हैं। यह रुसी से भी मुक्ति दिलाता है।
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