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रविवार, 29 जनवरी 2012

कुछ सब्जियाँ पके तो खिले गुण और स्वाद बने आला

वैसे तो आहारशास्त्री हमें सब्जियों को अधिकतर कच्चा सलाद के रूप में खाने की सलाह देते हैं। कई सब्जियों में कुछ अच्छे एंजाइम्स होते हैं, जो पाचन क्रिया में बहुत सहायता करते हैं, परन्तु पकाने से ये नष्ट हो जाते हैं। लेकिन सारी सब्जियों को कच्चा खाना न तो हितकर है और न ही रुचिकर। कुछ सब्जियां तो पकने पर ज्यादा पौष्टिक हो जाती हैं। इसीलिए बुद्धिमान डॉ.बुडविग ने अपने व्यंजनों में पकी हुई और कच्ची दोनों तरह की सब्जियों का प्रयोग किया है। सब्जियों को पकाते समय ध्यान रखना चाहिये कि उन्हें अधिक नहीं पकाएं और पानी का प्रयोग भी कम करें।



पालक को पका कर खाना चाहिये। इस पत्तीदार सब्जी में केल्शियम बहुत होता है लेकिन साथ ही ऑग्जेलिक एसिड भी बहुत होता है जो केल्शियम के अवशोषण को कम करता है। गर्म करने से ऑग्जेलिक एसिड निष्क्रिय हो जाता है, इसलिए पालक को हलका सा पका कर खाने से हमें पूरे दिन का केल्शियम मिल जाता है।


गाजर, टमाटर, कद्दू, सन्तरा और नारंगी, हरी और लाल सब्जियों में केरोटीन बहुत होता है। केराटीन कैंसर की वृद्धि को कम करता है, आँखों को स्वस्थ रखता है, स्मृतिवर्धक है और डीएनए का रखरखाव करने वाले एंजाइम्स को सशक्त करता है। इन सब्जियों को कच्चा खाना चाहिये। इनका सलाद खाने में कुरकुरा और स्वादिष्ट लगता है। लेकिन यदि आप इनका पूरा फायदा लेना चाहते हैं, तो इन्हें पका कर भी खाइये। इन सब्जियों में बीटाकेरोटीन एक प्रोटीन से चिपका रहता है, गर्म करने से यह अलग हो जाता है और बीटाकेरोटीन की उपलब्धता बढ़ जाती है। खनिज-लवण पकाने पर न तो नष्ट होते हैं और न ये पानी में घुल कर अलग हो सकते हैं, इसलिए पकाने से खनिज-लवण की उपलब्धता पर कोई फर्क नहीं पड़ता। इसी तरह फाइबर या रेशे पकाने पर टूटते तो हैं पर उनका गुण बना रहता है।
कई फाइटोन्यूट्रियेंट जैसे लाइकोपीन (टमाटर) या बीटाकेरोटीन (गाजर) की पकाने से उपलब्धता बढ़ती है, इसलिए इन्हें पका कर खाना श्रेष्ठ है।


दूसरी तरफ क्रूसीफेरस प्रजाति की सब्जियां जैसे फूलगोभी, ब्रोकोली आदि में पाये जाने वाले कैंसररोधी गंधकयुक्त फाइटोन्यूट्रियेंट सल्फोराफेन की उपलब्धता भी कच्ची अवस्था में तीन गुना रहती है। अतः इन्हें भी कच्चा और हल्का भाप में पका कर खाना स्वास्थ्यप्रद माना जाता है। मुख्य सन्देश यही है कि सब्जियां कच्ची और पकी दोनों खाओ और पानी की मात्रा तथा सब्जी पकाने का समय कम रखो। (यह सामग्री डा.ओपी वर्मा के सौजन्य से)

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