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गुरुवार, 17 अक्टूबर 2013

होमियो प्रथमोपचार

होमियोपैथी एक अहिंसक और सौम्य चिकित्सा प्रणाली है। हर घर में इसका एक बाक्स रखा जाए तो आज के महंगे इलाज से बचने के लिए यह मुफीद हो सकती है। यहां मैं रोजमर्रा की बीमारियों के चंद प्रथमोपचार नुस्खे पेश करता हूं, इन्हें सहजता से अपनाया जा सकता है।
अपचः कुछ गरिष्ठ आहार लेने या बिना भूख के खाने से अक्सर यह शिकायत हो जाती है। अगर भोजन के
बाद पेट में भारीपन लगे तो ब्रायोनिया-200 की दो-तीन खुराक एक-एक घंटे के अंतर से लेने पर आराम आ जाता है। यदि खाना खाने के बाद खट्टी डकारें आएं और उल्टी भी हो तो नक्स-200 की दो खुराक आधे-आधे घंटे के अंतराल से ले सकते हैं। पेट में गैस के कारण खट्टी डकारें और दर्द हो तो कार्बोवेज-200 की दो खुराक इसी तरह लें तुरंत राहत मिल जाती है। तलागुला भारी खाने से अपच हो तो पल्सेटिला-30 की दो-तीन खुराक एक-एक घंटे के अंतराल से लीजिए।
उल्टीः खाने के बाद अगर उल्टी हो तो ब्रायोनिया-200 की दो खुराक लें।  खाने के बाद लगातार मितली जैसा लगे तो इपिकाक-30 की दो-तीन खुराक ले सकते हैं। बस में सफर करने पर उल्टी होने पर इपिकाक-30 और काकुलस-30 की एक-एक खुराक दो घंटे पहले लेकर बस में बैठें। उल्टी नहीं होगी।
दस्तः पलते दस्त बार-बार हों तो एलस्टोनिया-30 की चार-चार गोली आधे-आधे घंटे के अंतर से लें। दस्त के साथ बुखार में भी यह उपयोगी है। अगर पेट में मरोड़ के साथ दस्त हो तो मर्कसोल-200 लेनी चाहिए। बदहजमी के कारण दस्त पतले हों तो नक्स-200 लेने से आराम आ जाता है। दस्त पतले व बदबूदार हो तो पोडोफाइलम-200 लीजिए।
आँखः आँख के अंदर कचरा या मच्छर आदि चला जाए तो एकोनाइट-30 और अर्निका 1एम की दो-चार खुराक अदल-बदल कर लीजिए। आँखे लाल हो जाए उनमें जलन और चुभन हो अर्थात कंजक्टीवाइटिस हो तो यूफ्रेशिया-30 बहुत अच्छा काम करती है। एक-एक घंटे से तीन चार खुराक ली जा सकती है। कम्प्यूटर पर ज्यादा देर काम करने या पढ़ने-लिखने से आँखे थक जाएं तो रुटा-200 की दो खुराक एक-एक घंटे के अंतर से लीजिए। आँख पर अगर चोट लग जाए तो सिम्फाइटम-200 की दो-तीन खुराक ली जा सकती है।
बुखारः अगर अचानक तेज बुखार, चेहरा लाल हो जाए, हल्की ठंड लगे तो बेलाडोना-200 की दो तीन खुराक दो-दो घंटे से लें। बायो काम्बिनेशन नम्बर-11 की चार-चार गोलियां भी बीच-बीच में लेते रहें। अधिक काम करने पर थकान या हरारत जैसा लगे तो अर्निका 1 एम या बेलिस पी-200 की एक दो खुराक से आराम मिल जाता है। अगर बुखार के साथ हाड़ तोड़ दर्द भी हो तो यूपेटोरियम-200 की तीन खुराक तीन-तीन घंटे के अंतर से ले सकते हैं। डलनेस, बिस्तर से उठने की इच्छा न हो और थकान हरारत सा लगे तो जेल्सिमियम-200 की दो खुराक एक-एक घंटे के अंतर से लेने पर आराम मिल जाता है।
सिरदर्दः अचानक तेज सिरदर्द हो तो बेलाडोना-200 और ग्लोनाइन-30 एक-एक घंटे के अंतर से एक बार लीजिए। आराम आ जाएगा।
चोटः गिरने पड़ने से चोट या मोच आ जाए, रगड़ लग जाए, चोट का स्थान नीला पड़ जाए तो अर्निका 1एम की चार-चार गोलियां चार-चार घंटे के अंतर से ली जा सकती हैं। बीच में एक दो खुराक रसटाक्स-200 की भी ले सकते हैं।
गले में खराश व दर्दः अगर ऐसा हो तो बेलाडोना-200 और ब्रायोनिया-200 की दो खुराक अदल-बदल कर लें। साथ ही गर्म पानी में नमक मिला कर गरारे करें।
दाँत में दर्दः दाँत में दर्द हो मसूड़ा फूल जाए तो मर्कसोल-200 कारगर असर करती है। दिन में दो-तीन बार ले सकते हैं।
मुँह में छालेः मर्कसोल-200 मुँह के छालों में भी लाभ करती है। अगर इससे असर न हो तो बोरेक्स थ्री एक्स ले सकते हैं। यह गोली व पावडर दोनों रूप में मिलती है।
खाँसी-सर्दीः कार्बोवेज-200 और इपिकाक-30 अदल-बदल कर चार-चार घंटे के अंतर से लें। बहेड़ा का छिलका या लौंग मुँह में रख कर चूसें या अदरक का टुकड़ा मुंह में रख कर धीरे-धीरे चूसते रहें। चबाएं नहीं। बायो काम्बीनेशन नम्बर-6 की चार-चार गोली दिन में चार बार लेने से भी आराम मिलता है।
कब्जः यह रोग अक्सर होता रहता है। नक्स-200 की एक खुराक रात को सोते समय लें। बायोकाम्बीनेशन नम्बर चार की चार-चार गोली दिन में तीन बार लें। भोजन में पल्प की मात्रा बढ़ाएं, मोटे आटे की रोटी खाएं, सलाद भोजन के साथ अवश्य लें।
लू लगनाः गर्मी के मौसम में अगर ठीक से पानी पीकर नहीं निकलें तो लू लग जाती है। ग्लोनाइन-30 की चार-चार गोली चार-चार घंटे से लेने से आराम मिलता है।
अनियमित मासिकः पल्सेटिला-30 और बायो काम्बिनेशन नं. 15 की चार-चार गोलियां दिन में दो-तीन बार लेनी चाहिए। अगर मासिक समय पर न आए, कष्टप्रद हो तो भी लाभ मिलता है।
दवा कैसे लें- होमियो दवा की साबूदाने जैसी गोलियां एक खुराक में तीन से चार तक ले सकते हैं। गोलियां मुंह में रख कर धीरे-धीरे चूसें, चबाएं नहीं। दवा लेने के पंद्रह मिनट पहले और पश्चात कुछ खाएं पिये नहीं। रोग की तीव्रता में दवा जल्दी-जल्दी रिपीट की जा सकती है। रोग कम होने पर दवा का अंतराल बढ़ा दें। ठीक होने पर बंद कर दें। होमियो दवा बच्चे बड़े चाव से खाते हैं। होमियो दवा की एक्सपायरी नहीं होती, ये लंबे समय तक सुरक्षित रहती हैं। इन दवाओं का एक बाक्स बना कर घर में रखा जा सकता है। 

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