अलसी के चमत्कारों पर तो इस ब्लाग में काफी कुछ लिखा जा चुका है। सौंफ के गुणों पर भी पिछले दिनों एमिबायोसिस वाले आलेख में मैंने जिक्र किया था कि यह उदररोगों में बहुत असरकारी है। अलसी और सौंफ के मिश्रण की आज चर्चा करता हूं। तीन भाग अलसी और एक भाग मोटी सौंफ लीजिए। इसमें स्वादअनुसार नींबू और काला नमक मिला लीजिए। फिर इसे थोड़ा सुखा कर धीमी आँच पर कढ़ाई में भून लीजिए। तब तक भूनिए कि अलसी की तड़-तड़ आवाज होने लगे। ठंडा होने पर इसे एयरटाइट डिब्बे में भर कर रख लीजिए। रोज दिन में तीन-चार बार या भोजन के बाद सुबह-शाम एक-एक चम्मच अच्छी तरह चबा-चबा कर खाइए। यह योग कईं तरह के उदररोगों में असरकारी है। कब्ज से भी राहत दिलाता है। गैस आसानी से पास हो जाती है। इससे मुखशुद्धि होती है। मुँह की दुर्गंध दूर कर मुँह का स्वाद ठीक होता है। कच्ची अलसी चबाना मुश्किल होता है, भुनने से यह आसानी से चबाई जा सकती है। यही सौंफ के साथ भी होता है। इसे बच्चे भी बड़े चाव के साथ खाते हैं।
सर्वे भवंतु सुखिन, सर्वे संतु निरामय। अगर हम एक आदर्श जीवनशैली अपना लें, तो रोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। मैंने अपने कुछ अनुभूत प्रयोग यहां पेश करने की कोशिश की है। जिसे अपना कर आप भी स्वयं को चुस्त दुरुस्त रख सकते हैं। सुझावों का सदैव स्वागत है, कोई त्रुटि हो तो उसकी तरफ भी ध्यान दिलाइए। ईमेल-suresh.tamrakar01@gmail.com
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रविवार, 3 अगस्त 2014
अलसी और सौंफ का योग मिटाए उदर के रोग
अलसी के चमत्कारों पर तो इस ब्लाग में काफी कुछ लिखा जा चुका है। सौंफ के गुणों पर भी पिछले दिनों एमिबायोसिस वाले आलेख में मैंने जिक्र किया था कि यह उदररोगों में बहुत असरकारी है। अलसी और सौंफ के मिश्रण की आज चर्चा करता हूं। तीन भाग अलसी और एक भाग मोटी सौंफ लीजिए। इसमें स्वादअनुसार नींबू और काला नमक मिला लीजिए। फिर इसे थोड़ा सुखा कर धीमी आँच पर कढ़ाई में भून लीजिए। तब तक भूनिए कि अलसी की तड़-तड़ आवाज होने लगे। ठंडा होने पर इसे एयरटाइट डिब्बे में भर कर रख लीजिए। रोज दिन में तीन-चार बार या भोजन के बाद सुबह-शाम एक-एक चम्मच अच्छी तरह चबा-चबा कर खाइए। यह योग कईं तरह के उदररोगों में असरकारी है। कब्ज से भी राहत दिलाता है। गैस आसानी से पास हो जाती है। इससे मुखशुद्धि होती है। मुँह की दुर्गंध दूर कर मुँह का स्वाद ठीक होता है। कच्ची अलसी चबाना मुश्किल होता है, भुनने से यह आसानी से चबाई जा सकती है। यही सौंफ के साथ भी होता है। इसे बच्चे भी बड़े चाव के साथ खाते हैं।
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