- कौनसी चीज कब खाएं और कब न खाएं इसका ब्यौरा आयुर्वेद में मिलता है। अगर व्यक्ति इन बातों का कड़ाई से पालन करे तो निरोग रह सकता है।
- भादों और सावन में दही और मठा नहीं खाना चाहिए।
- कार्तिक मास में करेला और बैगन नहीं खाना चाहिए
- श्रावण में हरी सब्जियां (जैसे पालक) नहीं खाना चाहिए , (क्योंकि उनमें जंतु होते हैं)
- भाद्रपद में दही नहीं खाना चाहिए
- आश्विन में दूध और कार्तिक में दाल नहीं खाना चाहिए।
- सूर्यास्त के बाद तिल की कोइ भी वास्तु का प्रयोग नहीं करनी चाहिए।
- अमावस्या , रविवार और पूनम को तिल का तेल हानिकारक होता है
- रविवार को तुलसी, अदरक, लाल मिर्च और लाल सब्जी नहीं खाना चाहिए।
- आँवला रविवार, शुक्रवार और षष्ठी को नहीं खाना चाहिए।·
- तृतीया तिथि को परवल नहीं खाना चाहिए (तृतीया को परवल खाने से शत्रुओं की वृद्धि होती है)·
- चतुर्थी को मूली नहीं खाना चाहिए (चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है)
- अष्टमी को नारियल नहीं खाना चाहिए (अष्टमी नारियल खाने से बुद्धि कमजोर होगा, रातको नारियल नहीं खाना चाहिए)
- त्रयोदशी को बैगन नहीं खाना चाहिए ( त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र नाश या पुत्र से दुख मिलता है)·
- श्रावण में हरड़ और कार्तिक में मूली स्वास्थ्य के लिए अच्छा है (श्रावण में जठराग्नि कम होने से पेट के बीमारियाँ ज्यादा होती हैं, इसलिए हरड़ खाना चाहिए)
- भाद्रपद में दूध या दूध से बनी हुई खीर स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, इससे शरीर का पित्त निकल जाता है।
सर्वे भवंतु सुखिन, सर्वे संतु निरामय। अगर हम एक आदर्श जीवनशैली अपना लें, तो रोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। मैंने अपने कुछ अनुभूत प्रयोग यहां पेश करने की कोशिश की है। जिसे अपना कर आप भी स्वयं को चुस्त दुरुस्त रख सकते हैं। सुझावों का सदैव स्वागत है, कोई त्रुटि हो तो उसकी तरफ भी ध्यान दिलाइए। ईमेल-suresh.tamrakar01@gmail.com
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शनिवार, 29 जून 2013
कब क्या खाएं
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स्वास्थ्यप्रद उपयोगी जानकारी !!
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