अबोहर की अचला कालरा जी को अलसी सेवन से मानों पंख लग गए। उन्होंने अलसी गुरु के नाम निम्न खत भेजा है।
आदरणीय डॉ. ओपी.वर्माजी,
सादर नमसकार।
मेरी उम्र 60 वर्ष है। मुझे घुटनो के दर्द की गंभीर समस्या थी। घर में चलने-फिरने में भी बहुत दिक्कत होती थी। और मै सीढ़ियां तो चढ़ ही नहीं पाती थी। घर से बाहर निकलना तो संभध ही नहीं था। मैने निरोगधाम में आपका का लेख पढ़ कर अलसी की रोटी खाना शुरू किया। मुझे कई लोगो ने कहा कि अलसी खाने से कुछ नही
होगा, लेकिन मैने अलसी खाना नहीं छोड़ा। तीन-चार महीने बाद अलसी का सेवन करने से मुझे कुछ-कुछ आराम आना शुरू हो गया और चलने में भी कम दिक्तत होने लगी। अलसी की रोटी खाते हुए अब मुझे एक साल हो गया है।
अब मेरे घुटनो में दर्द लगभग खत्म हो गया है और मै सीढ़ियां भी चढ़ लेती हूँ। अब मैं एक दो किलोमीटर रोज
पैदल घुमती हूँ। अलसी खाने से मेरे पति की डायिबीटीज में भी बहुत फायदा हुआ है। मै टाइम पास करने के मकसद से एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने भी जाने लगी हूँ। वेतन भी नहीं लेती। मुझे तो ऐसा लग रहा है जैसे मेरे नये पंख लग गये हो। आज मै दौड़ना चाहती हूँ। मै सबको कहना चाहती हूँ कि अलसी से बहुत फायदा होता है। और सारा दिन आप में काम करने की ताकत आ जाती है।
अचला कालरा
फोन – 1634-232932
Street No. 7, Chook No. 1
Old Suraj Nagri
Abohar – 152116 Panjab
अलसी की रोटी कैसे बनाएँ- कुछ लोग पूछते रहते हैं कि अलसी की रोटी कैसे बनाएं। बड़ा आसान तरीका है तीस ग्राम अलसी मिक्सर में पीस कर आटे में मिला कर आटा गूँथ लें। और बेल कर रोटियाँ बना लें। अधिक रोटी बनानी हो तो आवश्यकता अनुसार अलसी की मात्रा बढ़ाते जाएं। रोटी का रंग थोड़ा साँवला जरूर हो जाता है मगर स्वाद और निखर जाता है। रोटी बड़ी मुलायम हो जाती है।
आदरणीय डॉ. ओपी.वर्माजी,
सादर नमसकार।
मेरी उम्र 60 वर्ष है। मुझे घुटनो के दर्द की गंभीर समस्या थी। घर में चलने-फिरने में भी बहुत दिक्कत होती थी। और मै सीढ़ियां तो चढ़ ही नहीं पाती थी। घर से बाहर निकलना तो संभध ही नहीं था। मैने निरोगधाम में आपका का लेख पढ़ कर अलसी की रोटी खाना शुरू किया। मुझे कई लोगो ने कहा कि अलसी खाने से कुछ नही
होगा, लेकिन मैने अलसी खाना नहीं छोड़ा। तीन-चार महीने बाद अलसी का सेवन करने से मुझे कुछ-कुछ आराम आना शुरू हो गया और चलने में भी कम दिक्तत होने लगी। अलसी की रोटी खाते हुए अब मुझे एक साल हो गया है।
अब मेरे घुटनो में दर्द लगभग खत्म हो गया है और मै सीढ़ियां भी चढ़ लेती हूँ। अब मैं एक दो किलोमीटर रोज
पैदल घुमती हूँ। अलसी खाने से मेरे पति की डायिबीटीज में भी बहुत फायदा हुआ है। मै टाइम पास करने के मकसद से एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने भी जाने लगी हूँ। वेतन भी नहीं लेती। मुझे तो ऐसा लग रहा है जैसे मेरे नये पंख लग गये हो। आज मै दौड़ना चाहती हूँ। मै सबको कहना चाहती हूँ कि अलसी से बहुत फायदा होता है। और सारा दिन आप में काम करने की ताकत आ जाती है।
अचला कालरा
फोन – 1634-232932
Street No. 7, Chook No. 1
Old Suraj Nagri
Abohar – 152116 Panjab
अलसी की रोटी कैसे बनाएँ- कुछ लोग पूछते रहते हैं कि अलसी की रोटी कैसे बनाएं। बड़ा आसान तरीका है तीस ग्राम अलसी मिक्सर में पीस कर आटे में मिला कर आटा गूँथ लें। और बेल कर रोटियाँ बना लें। अधिक रोटी बनानी हो तो आवश्यकता अनुसार अलसी की मात्रा बढ़ाते जाएं। रोटी का रंग थोड़ा साँवला जरूर हो जाता है मगर स्वाद और निखर जाता है। रोटी बड़ी मुलायम हो जाती है।
क्या ये सच है
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