tag:blogger.com,1999:blog-7455163369800103787.post7586571936733713349..comments2023-09-11T07:14:28.283-07:00Comments on यदाकदा: राष्ट्र संत विनोबायदाकदाhttp://www.blogger.com/profile/14635976851384263758noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7455163369800103787.post-69237224725970630002011-09-10T22:43:05.401-07:002011-09-10T22:43:05.401-07:00जो बिकता है ... मिडिया उसे ही बढावा देती है ... सर...जो बिकता है ... मिडिया उसे ही बढावा देती है ... सरकारों को कोसना ... जनता को सुहाता है क्योंकि हम भारतीयों की निंदा में रूचि स्वभावतः ही ज्यादा होती है ... और आपेक्षाकृत यह आसान काम है ... बनिस्बत इसके की किसी भी समस्या के समाधान में उसकी क्या भूमिका हो ... संत विनोबा के योगदान सचमुच अमूल्य है ... यदाकदा ने उनका स्मरण करके ... एक लिक से हटकर काम किया है ... साधुवाद /सम्पजन्यhttps://www.blogger.com/profile/07175205962362124688noreply@blogger.com