tag:blogger.com,1999:blog-7455163369800103787.post4169790262150119565..comments2023-09-11T07:14:28.283-07:00Comments on यदाकदा: मनोआघात है कैंसर का कारणयदाकदाhttp://www.blogger.com/profile/14635976851384263758noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7455163369800103787.post-81002699407129931152012-07-16T07:01:14.417-07:002012-07-16T07:01:14.417-07:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.सम्पजन्यhttps://www.blogger.com/profile/07175205962362124688noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7455163369800103787.post-76153607642030420622012-07-15T21:28:32.631-07:002012-07-15T21:28:32.631-07:00From Dr. N K Singh ............
ठीक तरीके से धो क...From Dr. N K Singh ............<br /><br />ठीक तरीके से धो कर खाएं आम<br />कारबाइड एक निश्चिरत कैंसर पैदा करने वाला जहर है. हालांकि, दुनिया में अभी इस विषय पर शोध नहीं होने के कारण पुख्ता प्रमाण नहीं हैं. लेकिन गर्भवती महिलाओं को यदि लगातार कारबाइड से पके आम खिलाये गये, तो बच्चों में जन्मजात विकृति पैदा होने का खुलासा भी सामने आ रहा है.<br />हेल्थ अलर्ट<br />मेडिकल साइंस दिन में कम-से-कम पांच बार ताजे फलों और पर्याप्त मात्रा में हरी सब्जियों की खाने के मंत्र को बार-बार दोहरा रहा है, क्योंकि इनमें विद्यमान पोषक तत्वों और एंटी ऑक्सीडेंटों की महत्ता अब पूर्णत: उजागर हो गयी है. मगर जहरीले केमिकलों के बिना बाजार में न तो सब्जियां मिल रही हैं, न ही ताजे फल. <br /><br />अप्रैल-मई का महीना आते ही मार्केट आमों से महकने लगता है. सबको पता है कि प्राकृतिक ढंग से पके आमों का मिलना संभव नहीं है. वे कारबाइड से पके आम का सेवन करना शुरू कर देते हैं, जिससे तरह-तरह के लक्षणों से युक्त बीमारियों का प्रकोप बढ. जाता है. डॉक्टरों को समझ में नहीं आता कि हो क्या रहा है. अचानक छाती के नीचे जलन का होना, लगातार उलटी होना, पेट में तेज दर्द का होना, डायरिया होना और इसके प्रभाव से रक्तचाप का इतना कम हो जाना कि शॉक की स्थिति हो जाये. इन लक्षणों के अनुसार इलाज करके इन मरीजों के जीवन की रक्षा तो कर पाते हैं, मगर कभी-कभी मामला इससे ज्यादा हो जाता है. इसे लेकर दुनिया के कुछ प्रतिष्ठित मेडिकल र्जनलों में केस रिपोर्ट छपे हैं. कुछ बाों में जो पहले बिल्कुल स्वस्थ थे, अचानक माथे में तेज दर्द, बेतरह उलटी, बेहोशी की हालत और मिरगी के दौरों का हमला होना किसी खास वजह से लिंक नहीं हो पाया, तो डॉक्टरों ने फूड हिस्ट्री ली. अध्ययन से पता चला कि इन बच्चों ने कैल्शियम कारबाइड से पकाये गये आमों को बिना धोए ही ज्यादा मात्रा में खा लिया था. <br /><br />यह एक निश्चि त कैंसर पैदा करने वाले जहर हैं. हालांकि, दुनिया में अभी इस विषय पर शोध नहीं होने के कारण पुख्ता प्रमाण नहीं हैं. लेकिन गर्भवती महिलाओं को यदि लगातार कारबाइड से पके आम खिलाये गये, तो बच्चों में जन्मजात विकृति पैदा होने का खुलासा भी सामने आ रहा है. <br /><br />आजकल न केवल आम, बल्कि केला,तरबूज,पपीता जैसे फल भी कारबाइड से पकाये जाते हैं. आजकल ट्रांसपोर्ट करने के लिए आमों को का ही तोड़ लिया जाता है. फिर टोकरियों में कारबाइड की पोटली डाल दी जाती है. आमों से उत्पत्र नमी और कारबाइड के रिएक्शन से एसिटीलीन गैस उत्पत्र होता है, जिसके प्रभाव से आम पक जाता है. एसिटीलीन एक खतरनाक नर्व प्वाइजन है और इसके एक्यूट प्रभाव से हेडेक, चक्कर, बेहोशी मिरगी के दौरे और कोमा की स्थिति पैदा हो सकती है.<br /><br />व्यक्तिगत तौर पर मेरी लोगों से गुजारिश है कि फलों को खरीदते वक्त हाइ लेवल का अलर्टनेस रखें. जब पके आमों का सीजन आ जाये तभी आमों को खरीदें. कारबाइड से पके आमों को आसानी से पहचाना जा सकता है. यदि आमों के ऊपर उजली-सी पाउडर की परत की दिखे, तो उसे कभी न खरीदें. घर में खूब धोने के बाद ही आम का इस्तेमाल करें. कारबाइड द्वारा फलों को पकाने का मामला इतना व्यापक हो चुका है कि सरकारी तंत्र की सख्ती और व्यापक जागरुकता के बिना इससे निपटना मुश्किल है. मगर कुछ राज्यों की सरकारें तेजी से पहल कर रही हैं. यह मूवमेंट यहां से शुरू हो जाना चाहिए.<br />dr nk singh/Prabhat khabar 11th july PatnaShri Sitaram Rasoihttps://www.blogger.com/profile/17079565046969260208noreply@blogger.com